नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इस मुलाकात में गाजा बंधक संकट और इजरायली वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ पर चर्चा हुई।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान, ट्रंप ने गाजा में बंधकों की रिहाई को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने चल रही वार्ताओं के बारे में आशा व्यक्त की, लेकिन कोई विशिष्ट विवरण नहीं दिया।
ट्रंप ने कहा, हम प्रगति कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हम जल्द ही सभी बंधकों को घर वापस ले आएंगे।
नेतन्याहू ने इस पर सहमति जताते हुए बंधकों की आजादी सुनिश्चित करने के लिए इजरायल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने इजरायल और हमास के बीच अस्थिर युद्ध विराम पर भी बात की। हालांकि उन्होंने किसी नए समझौते की घोषणा नहीं की, लेकिन दोनों ने क्षेत्र में हिंसा को कम करने के महत्व पर जोर दिया।
ट्रंप ने हाल ही में इजरायल से आयात पर 17 प्रतिशत टैरिफ लगाने का बचाव किया, जो उनकी व्यापक व्यापार नीति का हिस्सा है और कई अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहा है।
नेतन्याहू ने कथित तौर पर इन शुल्कों से राहत मांगी, तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने के इजरायल के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
2024 में, दोनों देशों के बीच कुल वस्तु व्यापार 37.0 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें इजरायल को अमेरिकी निर्यात 14.8 बिलियन डॉलर और इजरायल से आयात 22.2 बिलियन डॉलर होगा, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका का व्यापार घाटा 7.4 बिलियन डॉलर होगा।
इजरायली अधिकारियों के अनुसार, नेतन्याहू की व्हाइट हाउस यात्रा की व्यवस्था पिछले गुरुवार को दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान की गई थी, जब नेतन्याहू ने टैरिफ का मुद्दा उठाया था।
व्हाइट हाउस ने शुरू में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई थी, लेकिन बिना किसी स्पष्टीकरण के इसे रद्द कर दिया गया। इसके बजाय, पत्रकारों ने ओवल ऑफिस मीटिंग में सवाल पूछे।
ट्रंप ने इस बैठक के दौरान गाजा के पुनर्विकास के लिए किसी दीर्घकालिक योजना पर चर्चा नहीं की। उनके प्रशासन ने पहले भी इस क्षेत्र के लिए विवादास्पद विचार प्रस्तावित किए हैं, जिनकी विभिन्न समूहों द्वारा आलोचना की गई है।
बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल के बीच जटिल संबंधों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें सुरक्षा चिंताओं और आर्थिक हितों के बीच संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया गया। दोनों नेताओं ने इन मुद्दों पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया।