केन-बेतवा नदी परियोजना से सवा लाख हेक्टर कृषि भूमि को मिलेगा लाभ: एमपी सीएम मोहन यादव

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इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को इंदौर में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं की जानकारी साझा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत देश में अग्रणी है और इस दिशा में किए गए कार्य वैश्विक स्तर पर सराहे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इंदौर में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की और अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में चल रहे बावड़ी संवर्धन कार्यों की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जल संरक्षण के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, हमने नदी जोड़ो अभियान के तहत ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना, चंबल योजना और हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के साथ तृप्ति नदी के जल संग्रहण की योजना इसका उदाहरण है। हमारी सरकार ने जल और नदी संरक्षण के लिए तीन महीने का अभियान शुरू किया है, जो 30 जून तक चलेगा। सत्ता में आने के बाद से हमने पानी पर व्यापक काम किया है।

उन्होंने बताया कि इस योजना से मध्य प्रदेश में सवा लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ मिलेगा और महाराष्ट्र को भी इसका फायदा होगा। उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के इन प्रयासों को पूर्ण समर्थन दिया है।

सीएम मोहन यादव ने इंदौरवासियों की सक्रियता को सराहते हुए कहा, अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के अवसर पर बावड़ी संवर्धन जैसे कार्यों में इंदौर ने अनुकरणीय योगदान दिया है। मैं इंदौरवासियों का धन्यवाद करता हूं। राज्य सरकार हर ऐसे कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाएगी, जो सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को बढ़ावा दे।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, भारत किसी भी देश की संप्रभुता के खिलाफ नहीं है। हमने कभी नहीं कहा कि हम पाकिस्तान पर बमबारी करेंगे या उनके ठिकानों पर हमला करेंगे। लेकिन अगर हमारा पड़ोसी बार-बार उकसाने वाली हरकतें करता है, तो क्या हम चुप बैठेंगे?

उन्होंने चीन से अपील की कि वह पाकिस्तान को जिम्मेदार व्यवहार के लिए प्रेरित करे, क्योंकि पाकिस्तान के मिसाइल और हथियार प्रणालियों में चीन का बड़ा निवेश है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि भारत शांति और सहयोग के पक्ष में है, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने में भी सक्षम है।

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