भोपाल। मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर लगे दुष्कर्म के आरोप की जांच के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं। राज्य के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि यह जांच निष्पक्ष और बगैर किसी राजनीतिक दबाव की होनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक पर आरोप लगा है दोष सिद्ध नहीं हुआ है, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, न्यायालय ने जांच के आदेश दिए है, यह जांच निष्पक्ष हो, जांच प्रभावित न हो और किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने जो निर्देश दिए है उसके अनुसार ही जांच हो।
उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार किस तरह से काम करती है, यह किसी से छुपा नहीं है। इस तरह के मामलों में सत्ता पक्ष की तरफ से दबाव आता है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष से लेकर सभी आवाज दबाना चाहती है। कांग्रेस की विधायक सेना पटेल के पुत्र पर कार्रवाई की गई, कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा पर कार्रवाई की गई, और आरिफ मसूद पर कार्रवाई की गई। विधायक हेमंत कटारे भी इसी लाइन में हैं। कुल मिलाकर सरकार सभी को दबाने की कोशिश कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता चाहे जितना दबाने का प्रयास कर ले मगर विपक्ष मजबूत है, अपनी ताकत के साथ विधायक बात कह रहे है। दूसरी ओर सरकार अपने जवाब नहीं दे पाती। चाहे युवाओं की बेरोजगारी की बात हो, संविदा शिक्षक के मामले , महिला अत्याचार, आदिवासी सहित अन्य वर्ग पर होने वाले उत्पीड़न के मामले में सरकार पूरी तरह विफल है। राज्य विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। कांग्रेस लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। हर रोज विधानसभा से लेकर सदन के बाहर तक कांग्रेस के विधायक हंगामा कर रहे है।
दरअसल भिंड जिले के अटेर से कांग्रेस विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप की फिर से जांच होगी। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं। यह जांच पुलिस उप महानिरीक्षक की निगरानी में होगी।