उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आईआईटी की तर्ज पर प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज विकसित किए जाएंगे। आईआईटी की तरह कैंपस तैयार किए जाएंगे। आईआईटी से हो रहे ज्ञान के प्रसार को इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी सीख सकेंगे। उज्जैन के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ‘डीप-टेक रिसर्च एंड डिस्कवरी सेंटर’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से भारत को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी देश बनाने के प्रयासों को गति मिली है। सैटेलाइट परिसर की स्थापना से मध्य प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में ‘डीपटेक एंड रिसर्च सेंटर’ का उद्घाटन विक्रमोत्सव का हिस्सा है। पीएम मोदी ने 29 फरवरी को वैदिक घड़ी के उद्घाटन से विक्रमोत्सव – 2024 का शुभारंभ किया। आईआईटी कानपुर ने भारतीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्रह, नक्षत्र, तारों की गणना के आधार पर एक अद्भुत मॉडल प्रस्तुत किया है। आज वैदिक घड़ी देश-दुनिया में उज्जैन की शान बन गई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से जुड़े। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को नवीन ज्ञान परंपरा का केंद्र बनाने के लिए इंदौर और उज्जैन कॉरिडोर नेतृत्व करें। आईआईटी इंदौर विस्तृत रोड मैप तैयार कर इसका क्रियान्वन कराए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि आज उज्जैन में ‘डीप-टेक रिसर्च एंड डिस्कवरी सेंटर’ का उद्घाटन कर इसकी नींव रखी गई है। आईआईटी इंदौर का यह ‘डीपटेक रिसर्च सेंटर’ नई शिक्षा नीति के क्रियान्वन का एक उदाहरण है, जो इनोवेशन को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।