भारत क्रिटिकल मिनरल में आत्मनिर्भरता के लिए 1,200 से ज्यादा साइट्स पर चला रहा अन्वेषण अभियान : प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत क्रिटिकल मिनरल में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अपने प्रयासों को तेज कर रहा है और वर्तमान में देश भर में 1,200 से ज्यादा स्थानों पर अन्वेषण गतिविधियां चल रही हैं।

79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि लिथियम, कोबाल्ट, रेयर अर्थ मिनरल और ग्रेफाइट जैसे क्रिटिकल मिनरल का महत्व हाल के वर्षों में वैश्विक स्तर पर काफी तेजी से बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जिस पर कल तक ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, अब मुख्य ध्यान उस पर है, भारत को भी क्रिटिकल मिनरल में आत्मनिर्भर बनना होगा।

उन्होंने बताया कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के वैश्विक प्रयासों के कारण इनकी मांग में तेजी आ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय क्रिटिकल मिशन की स्थापना इसलिए की गई है क्योंकि क्रिटिकल मिनरल उद्योगों, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और रक्षा के लिए आवश्यक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आयात पर निर्भरता कम करते हुए भारत की औद्योगिक और तकनीकी क्षमताओं में सुधार करना चाहती है।

उन्होंने आवश्यक संसाधनों के आयात के वित्तीय बोझ पर जोर दिया और इस पहल को देश के ऊर्जा स्वतंत्रता के व्यापक लक्ष्य से जोड़ा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार वर्तमान में देश में धन वापस लाने के लिए आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर काम कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से दिए भाषण में सुधारों और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक विस्तृत दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें टैक्स की दरों में बदलाव से लेकर छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने तक के कुछ महत्वपूर्ण सुधार शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने बेहतर प्रदर्शन किया है, सुधार किए हैं और बदलाव किया है, लेकिन अब और भी तेजी से आगे बढ़ने का समय आ गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक गतिविधियों से संबंधित सभी मौजूदा कानूनों, विनियमों और प्रथाओं की समीक्षा के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया।

टास्क फोर्स स्टार्टअप्स, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत कम करने, मनमाने कानूनी कार्रवाइयों के डर से मुक्ति दिलाने और व्यापार को आसान बनाने के लिए कानूनों को सुव्यवस्थित करने हेतु एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर काम करेगी।

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