नागरिक सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री मोहन यादव

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल में समता भवन (मुख्यमंत्री निवास) में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की , जिसमें कहा गया कि नागरिक सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के जवाबी हमले के मद्देनजर आया है, जहां बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का सीधा जवाब था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक के दौरान, सीएम यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च कर्तव्य है, और वर्तमान स्थिति को देखते हुए, सभी नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक नागरिक सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए, सभी विभाग अपनी-अपनी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करें तथा सभी आवश्यक एहतियाती सुरक्षा उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि किसी भी राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार पर कड़ा नियंत्रण लगाया जाए। नागरिकों को अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए प्रोत्साहित और सूचित किया जाए। केंद्र और राज्य सरकार के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के चारों ओर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी आपदा प्रबंधन उपायों और स्वास्थ्य एवं अग्निशमन सेवाओं जैसी आवश्यकताओं को और मजबूत किया जाए।

इसके अतिरिक्त, सीएम यादव ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था , नागरिक सुविधाओं की स्थिति और विभागीय समन्वय की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभाग किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार और सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक नागरिक सुविधाओं की सुचारू आपूर्ति से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी और फील्ड स्टाफ छुट्टी पर न जाएं।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अनुराग जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जल संसाधन राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, एडीजी इंटेलिजेंस ए साई मनोहर, सैन्य अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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