नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के मामलों में वृद्धि को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता फोस्टर मोहाले ने बताया कि टीकाकरण से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है और यह गंभीर स्थिति से बचाव कर सकता है।
हाल ही में वेस्टर्न केप और गौटेंग में दो नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गौटेंग, वेस्टर्न केप और क्वाजुलु-नटाल जैसे सबसे अधिक प्रभावित प्रांतों में एमपॉक्स का टीका उपलब्ध कराने का फैसला किया है। विभाग के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत से अब तक 10 एमपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं। मई 2024 से शुरू हुए इस प्रकोप में अब तक 20 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
इन तीन प्रभावित प्रांतों के निवासी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगवा सकते हैं। मोहाले ने लोगों से अपील की कि वे एमपॉक्स के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें। जिन्हें लगता है कि वे इस बीमारी की चपेट में हैं, उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच और टीकाकरण की पात्रता की जानकारी लेनी चाहिए।
मोहाले ने बताया कि टीकाकरण में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो जिन्हें सबसे ज्यादा रिस्क है। इसमें एमपॉक्स मरीजों के संपर्क में आए लोग, एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध रखने वाले और उन देशों की यात्रा करने वाले शामिल हैं जहां एमपॉक्स के मामले ज्यादा हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं और दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी जरूरत पड़ने पर टीका लगाया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग को अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) से विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से 10,500 एमपॉक्स टीके (इमवैनेक्स) की खुराक डोनेशन में मिली है। यह दान अफ्रीकी महाद्वीप में एमपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से लक्षणों जैसे बुखार, चकत्ते और मांसपेशियों में दर्द के प्रति सतर्क रहने और तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी है। यह अभियान एमपॉक्स के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।