निर्दोषों की हत्या करने वालों को छूट नहीं, सजा मिलेगी: अमेरिका

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नई दिल्ली। अमेरिकी हाउस कमेटी ऑन फॉरेन अफेयर्स ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित करने के फैसले का समर्थन किया है। कमेटी ने कहा कि इस संगठन के हिंसक कृत्यों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा होनी चाहिए और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।

कमेटी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे सही कहा है। द रेसिस्टेंस फ्रंट एक आतंकवादी संगठन है और इसे यह दर्जा मिलना ही चाहिए। जो लोग निर्दोष नागरिकों की हत्या करते हैं, उन्हें छूट नहीं मिलती, बल्कि उन्हें न्याय का सामना करना पड़ता है।

यह बयान अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित करने के बाद आया है। टीआरएफ, पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक सहयोगी संगठन है। इसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला था।

विदेश विभाग ने कहा कि यह कदम ट्रंप प्रशासन की राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई राष्ट्रपति ट्रंप के पहलगाम हमले के लिए न्याय की मांग को लागू करने का हिस्सा है।

भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान पर एलईटी और इसके सहयोगी संगठनों, जैसे टीआरएफ, को पनाह देने और समर्थन देने का आरोप लगाया है। इस कार्रवाई से पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है।

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