मध्य प्रदेश: रामेश्वर शर्मा ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर ‘जनता के हितों को बेचने’ का आरोप लगाया

Rameshwar

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में दो वरिष्ठ नेताओं के बीच पिछले दिनों कुछ ऐसा हुआ कि सियासी हलचल मच गई। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की बयानबाजी सुर्खियों में है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने पिछली कांग्रेस सरकार पर जनता के हितों को बेचने का आरोप लगाया है।

दरअसल, बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कांग्रेस की सरकार गिरने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि कमलनाथ, सिंधिया और एक बड़े उद्योगपति की मौजूदगी में चर्चा हुई थी। वहीं, कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायक तोड़े और हमारी सरकार गिराई।

भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने आईएएनएस से कहा, कांग्रेस नेता एक दूसरे को गाली दें या फिर कुछ भी कहें, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की सरकार उस समय कॉरपोरेट के हाथों की खिलौना बन गई थी। मध्य प्रदेश की जनता के हितों को बेचा जा रहा था।

उन्होंने कहा, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की जनता से जो वादे किए थे, वो उन वादों से मुकर रही थी। यही कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के वादों को पूरा करें, नहीं तो मैं कांग्रेस को छोड़ दूंगा और सड़कों पर आ जाऊंगा। उस वक्त कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसी गीदड़भभकी देने वाले बहुत देखे हैं। सड़कों पर आना है तो आ जाओ। इसके बाद सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को उनकी औकात दिखा दी और पूरी कांग्रेस को धराशायी कर दिया।

भाजपा विधायक ने कहा, जनभावना और जनमुद्दों को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया सड़कों पर आए और भाजपा को ज्वाइन किया। आज मध्य प्रदेश में पीएम मोदी और सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में जन आकांक्षाओं को पूर्ण करने वाली सरकार है। पहले की सरकार के बारे में आज के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पहले ही बोल चुके हैं कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की सरकार रिमोट से खनिज, शराब, भू और ट्रांसफर माफिया चलाते थे। ये आरोप तत्कालीन मंत्री और आज के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर लगाए थे। दोनों भाइयों की कुश्ती में कांग्रेस पस्त और धराशायी हो गई।

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