भोपाल। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की विभिन्न सड़क परियोजनाओं में पूर्णता प्रमाणपत्र जारी कराने सहित अन्य प्रक्रिया के बदले 20 लाख रुपये की घूस देने के मामले में केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश से और दो गिरफ्तारियां की हैं। इस मामले में अब तक आठ लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और दो करोड़ की नगदी भी जब्त की जा चुकी है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने 20 लाख रुपये की घूसखोरी से संबंधित मामले की जारी जांच में एनएचएआई के दो और परियोजना निदेशकों (पीडी) को भोपाल और विदिशा से गिरफ्तार किया। तलाशी के बाद रिश्वत राशि सहित कुल बरामद राशि दो करोड़ रुपये से अधिक की है।
सीबीआई ने एनएचएआई के चार लोक सेवकों, भोपाल स्थित निजी कंपनी के दो निदेशकों एवं कर्मचारियों व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया। आरोप है कि भोपाल स्थित एक निजी कंपनी के निदेशक एनएचएआई द्वारा आवंटित की गई विभिन्न सड़क परियोजनाओं में पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने, बिलों पर कार्यवाही करने, आवंटित कार्यों की सुचारू प्रगति आदि के बदले में अपने कर्मचारियों के जरिए एनएचएआई के लोक सेवकों को रिश्वत पहुंचा रहे हैं। यह भी आरोप है कि निजी कंपनी के कर्मचारी, नागपुर व मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर लोक सेवकों को रिश्वत राशि पहुंचाते हैं।
आरोप यह भी है कि प्रोजेक्ट आउटर रिंग रोड के लिए उस कंपनी का एक कर्मचारी, लंबित बिलों पर कार्यवाही और पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने सहित लंबित मामलों को रिश्वत के बदले में निपटाने के लिए महाप्रबंधक व परियोजना निदेशक, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर के साथ नियमित संपर्क में है।
आरोप है कि 25 लाख रुपये की रिश्वत राशि, उक्त महाप्रबंधक व परियोजना निदेशक, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर को पहुंचाई जाने की संभावना थी। सीबीआई ने जाल बिछाया एवं उक्त निजी कंपनी के कर्मचारी द्वारा एनएचएआई के उक्त महाप्रबंधक व प्रोजेक्ट मैनेजर को 20 लाख रुपये की रिश्वत पहुंचाने के बाद दोनों को पकड़ा। नागपुर (महाराष्ट्र) एवं भोपाल, हरदा, विदिशा व डिंडोरी (मध्य प्रदेश) में स्थित आरोपियों के कार्यालयों तथा आवासों सहित 16 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी के बाद अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों, सोने के आभूषणों आदि के साथ ट्रैप मनी सहित दो करोड़ रुपये से अधिक बरामद किए गए हैं।