दक्षिण कोरिया: अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री हान के गिरफ्तारी वारंट पर सुनवाई की

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नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने बुधवार को यह तय करने के लिए सुनवाई की कि क्या मार्शल लॉ लागू करने की कथित योजना में शामिल होने के आरोप में देश के पूर्व प्रधानमंत्री हान डक-सू को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया जाए या नहीं। यह योजना कथित तौर पर पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल के कार्यकाल में बनाई गई थी।

सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोपहर 1:30 बजे सुनवाई शुरू की। यह सुनवाई उस समय हुई जब स्पेशल काउंसिल चो यून-सुक की टीम ने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की। आरोपों में विद्रोह की साजिश में शामिल होने, सरकारी दस्तावेजों को गलत तरीके से पेश करने और नष्ट करने, झूठी गवाही देने और अन्य अपराधों का हवाला दिया गया।

हान सुनवाई से कुछ समय पहले अदालत पहुंचे और बिना किसी पत्रकार के सवालों का जवाब दिए ही इमारत के अंदर चले गए।

अगर अदालत गिरफ्तारी वारंट जारी करती है, तो फैसला उसी दिन आ सकता है। ऐसे में हान दिसंबर में मार्शल लॉ की कोशिश से जुड़े मामले में गिरफ्तार होने वाले यून प्रशासन के तीसरे कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं।

गिरफ्तार होने वाले अन्य दो लोगों में पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून और पूर्व गृह मंत्री ली सांग-मिन शामिल हैं।

हान पर आरोप है कि उन्होंने डिक्री जारी करने से पहले कैबिनेट बैठक बुलाकर यून को मार्शल लॉ लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उन पर एक संशोधित घोषणा का मसौदा बनाने और बाद में उसे नष्ट करने का भी शक है। इस मसौदे का मकसद डिक्री की वैधता बढ़ाना था। इसके अलावा, उन पर संविधान न्यायालय और राष्ट्रीय विधानसभा में शपथ लेकर झूठ बोलने का आरोप है।

इस बीच, पूर्व प्रथम महिला किम कियोन ही से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही स्पेशल काउंसिल टीम ने कहा है कि वह 29 अगस्त को उन्हें हिरासत में लेकर अभियोग चलाने की योजना बना रही है।

सहायक विशेष वकील ओह जियोंग-ही ने मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में तारीख की घोषणा की। इससे पहले आई रिपोर्टें सही साबित हुईं, जिनमें कहा गया था कि अभियोग शुक्रवार को दाखिल हो सकता है।

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