नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 लीडर्स समिट के तीसरे सेशन को संबोधित किया। इसके बाद पीएम मोदी ने रविवार को भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (आईबीएसए) लीडर्स समिट में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जोहान्सबर्ग में जी20 समिट के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और मैंने आईबीएसए के लीडर्स की मीटिंग की। यह एक ऐसा फोरम है, जो ग्लोबल साउथ की आवाज और उम्मीदों को मजबूत करने के हमारे पक्के कमिटमेंट को दिखाता है। आईबीएसए कोई आम ग्रुप नहीं है, यह एक जरूरी प्लेटफॉर्म है, जो तीन कॉन्टिनेंट्स, तीन बड़ी डेमोक्रेटिक ताकतों और तीन बड़ी इकॉनमी को जोड़ता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा रिश्ता दिल से जुड़ा है, जिसमें अलग-अलग तरह की चीजें, एक जैसी सोच और एक जैसी उम्मीदें हैं। पिछले तीन सालों में तीनों आईबीएसए देशों ने जी20 की प्रेसीडेंसी संभाली है और इस मौके का इस्तेमाल इंसानियत को ध्यान में रखकर किए गए एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए किया है।
पीएम मोदी ने आईबीएसए के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। इसके तहत आईबीएसए को दुनिया को एक साथ यह मैसेज देना होगा कि संस्थागत सुधार अब ऑप्शनल नहीं है, बल्कि यह अब जरूरी है। यह एक सच्चाई है कि ग्लोबल इंस्टीट्यूशन 21वीं सदी की असलियत से बहुत दूर हैं। इसे बदलना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में करीबी तालमेल जरूरी है। इस मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है। एक आईबीएसए डिजिटल इनोवेशन अलायंस बनाएं जो इंसानी विकास के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा। क्लाइमेट-रेजिलिएंट एग्रीकल्चर के लिए एक आईबीएसए फंड शुरू करें। यह फूड सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी के लिए बहुत जरूरी है।

