भोपाल में एनएचए की समीक्षा बैठक में पीएम-जेएवाई और एबीडीएम की प्रगति पर चर्चा

NHA

भोपाल। भोपाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की 15 अक्टूबर को भोपाल में शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक गुरुवार को भी हुई। इस बैठक का मकसद आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की प्रगति का मूल्यांकन करना और इनके भविष्य की रूपरेखा तैयार करना था।

कार्यक्रम में एनएचए के सीईओ डॉ. सुनील कुमार बरनवाल, संयुक्त सचिव ज्योति यादव के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और देशभर के हितधारक शामिल हुए।

बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करना, अच्छी प्रथाओं को साझा करना और पीएम-जेएवाई 2.0 व एबीडीएम 2.0 के लिए रोडमैप बनाना था।

डॉ. बरनवाल ने इन योजनाओं के एकीकरण और विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह समीक्षा डिजिटल स्वास्थ्य को मजबूत करने और हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आयुष्मान भारत ने 45 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सहयोग इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना बना सकता है।”

इस दौरान डॉ. बरनवाल ने कहा कि प्रबंधन में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दादरा और नगर हवेली, दमन-दीव और लद्दाख को शून्य लंबितता माह पुरस्कार से सम्मानित किया।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पूर्व सचिव जे. सत्यनारायण ने कहा, “एबीडीएम 2.0 की रिपोर्ट तैयार करने में राज्यों के सुझाव महत्वपूर्ण हैं, ताकि हम वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकें।”

एनएचए ने इस मौके पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 भी जारी की, जिसमें पीएम-जेएवाई और एबीडीएम की उपलब्धियों और नवाचारों का जिक्र है। ज्योति यादव ने राज्यों की प्रगति पर प्रकाश डाला, जिसमें दावा प्रबंधन, लाभार्थी कवरेज और पोर्टेबिलिटी में सुधार शामिल हैं। उन्होंने कहा, “राज्यों का नेतृत्व इन योजनाओं के विस्तार और कुशल कार्यान्वयन में अहम है। पीएम-जेएवाई 2.0 को स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बनाना जरूरी है।”

किरण गोपाल वासका ने एबीडीएम को डिजिटल स्वास्थ्य का आधार बताया और कहा, “यह सिर्फ एक टूल नहीं, बल्कि एक क्रांति है। एबीडीएम सूचकांक जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा देगा। पीएम-जेएवाई के साथ इसका एकीकरण स्वास्थ्य सेवा में बड़ा बदलाव लाएगा।”

मध्य प्रदेश स्वास्थ्य एजेंसी के सीईओ डॉ. योगेश तुकाराम भरसट ने प्रतिभागियों का स्वागत किया, जबकि गेट्स फाउंडेशन के संतोष मैथ्यू ने केयर कोऑर्डिनेशन मॉडल पेश किया, जिसमें दोनों योजनाओं के तालमेल पर जोर दिया गया।बैठक में डिजिटल स्वास्थ्य, प्रदर्शन सुधार और धोखाधड़ी-रोधी इकाई (एनएएफयू) के नतीजों पर चर्चा हुई।

डॉ. बरनवाल और ज्योति यादव ने एम्स भोपाल का दौरा कर डिजिटल एकीकरण की जानकारी ली। टीम ने मरीजों की डिजिटल यात्रा ऑनलाइन पंजीकरण से लेकर ई-प्रिस्क्रिप्शन और डिजिटल भुगतान तक का अनुभव किया। एम्स के निदेशक प्रो. माधवानंद ने तकनीक से मरीजों के अनुभव को बेहतर करने पर बात की।

सत्र के अंत में डॉ. बरनवाल ने सेहत सेतु-केयर इंटीग्रेशन प्रोग्राम का दौरा किया, जो भोपाल में आपातकालीन कॉल और शिकायतों का समाधान करता है। बैठक में राज्यों की प्रगति और डिजिटल समाधानों को अपनाने पर जोर दिया गया। यह आयोजन पीएम-जेएवाई 2.0 और एबीडीएम 2.0 के विस्तार और राज्यों के सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लेकर संपन्न हुआ, जो स्वास्थ्य सेवा में बड़े बदलाव का आधार बनेगा।

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