मध्य प्रदेश : घटिया कीटनाशक बेचने वाली तीन कंपनियों पर प्रकरण दर्ज

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भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे अरसे से घटिया खाद, कीटनाशक और खेती रसायन बेचने की शिकायतें सामने आ रही थी। इसी क्रम में खरपतवार नाशक के नमूनों की जांच में उनके अमानक पाए जाने पर तीन कंपनियों के खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।

बताया गया है कि नकली कीटनाशक के संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इसमें कहा गया था कि क्लोरीम्यूरॉन एथिल नामक हर्बिसाइड खरपतवार नाशक के उपयोग से सोयाबीन की फसलें खराब हुई हैं। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के निर्देशों पर कृषि विभाग ने तत्काल कार्रवाई की और बाजार से खरपतवार नाशक के सैम्पल जब्त कर जांच की गई। जांच में हर्बिसाइड के नमूने घटिया पाए गए।

इस पर मध्यप्रदेश के 3 जिलों विदिशा, देवास और धार में डिफॉल्टर कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जिन क्षेत्रों में खराब हर्बिसाइड की बिक्री हुई है, वहां डीलरों के लाइसेंस भी रद्द किए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने राज्य सरकारों को भी जब्त हर्बिसाइड के नतीजे आने तक लाइसेंस निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कंपनियों के बचे हुए स्टॉक की बिक्री पर भी रोक लगाने की बात कही गई है।

इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बैठक में कहा था कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने ऐसी व्यवस्था बनाई थी, जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम मिले थे, ताकि समस्याओं के तत्काल और उचित निराकरण से ही किसानों में भरोसा कायम रहे।

उन्होंने कहा था कि किसानों की संतुष्टि ही हमारा मुख्य ध्येय है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह लगातार फील्ड में किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सीधे सुन रहे हैं और उनके निराकरण का प्रयास कर रहे हैं। किसानों की तरफ से जो नकली खाद-बीज और कीटनाशक की समस्या बताई गई थी, उसके प्रति भी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सख्त रवैया अपनाते हुए, इस संबंध में सख्त कानून बनाने की बात कही है। इस संबंध में वे सिलसिलेवार बैठक ले रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को आकस्मिक छापेमारी के लिए भी उन्होंने निर्देशित किया है।

मध्य प्रदेश के रायसेन में जिस दवा के प्रयोग से किसान के खेत में फसल बर्बाद हुई और जहां शिवराज सिंह ने स्वयं निरीक्षण किया था, उस संबंध में भी एफआईआर दर्ज करवाई गई है और कंपनी का लाइसेंस निलंबित करने के लिए केंद्र के कृषि विभाग ने राज्य सरकार से कहा है।

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