मध्य प्रदेश सरकार की मंशा आदिवासियों को वन पट्टा देने की नहीं : उमंग सिंघार

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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन यादव सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि आदिवासियों को वन पट्टे मिले। यही कारण है कि कांग्रेस ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों की लगातार उपेक्षा कर रही है। वन अधिकारों के तहत आदिवासियों को मिलने वाले वन भूमि के पट्टे के मामले में सरकार पूरी तरह निष्क्रिय है। भाजपा की सरकार का आदिवासियों पर ध्यान नहीं है। जब तक मामले विधानसभा में नहीं उठाए जाते तब तक सरकार ध्यान नहीं देती।

वर्तमान स्थिति की बात करें तो प्रदेश में कई लाख पट्टे खाली पड़े हैं। जरूरतमंद लोगों ने आवेदन किए हैं, मगर सरकार पट्टे बनाने पर विचार नहीं करती। सर्वोच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि 2006 के पहले के परिवारों को पट्टे दिए जाने चाहिए, लेकिन सरकार सिर्फ लॉलीपॉप देना चाहती है। आदिवासियों और अन्य समाज को सरकार पट्टे नहीं देना चाहती, इसलिए कांग्रेस ने विधानसभा में मामला उठाया है।

राज्य सरकार मेट्रोपॉलिटन सिटी की बात कर रही है इस मसले पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह प्रयास ठीक है, मगर क्या विकास मेट्रोपॉलिटन सिटी के तहत सभी का मिलकर होगा या सिर्फ एक ही शहर का होगा? यह सब बाद में पता चलता है क्योंकि कार्य योजना बनती है।

राज्य विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है और कांग्रेस इस बार हमलावर है। राज्य की कानून व्यवस्था से लेकर बाढ़ और किसानों की खाद बीज संबंधी समस्या और मुआवजा न मिलने का मुद्दा कांग्रेस पूरे जोर-शोर से उठा रही है। सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस सरकार पर हर वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगा रही है।

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