ईरान पर अमेरिकी बमबारी से संयुक्त राष्ट्र फिक्रमंद, एंटोनियो गुटेरेस बोले- अब ये संघर्ष नियंत्रण से होगा बाहर

guterres

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर फिक्र जताई है। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हालात बहुत खतरनाक हो गए हैं और अब यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है। इसका बहुत बुरा असर आम लोगों, पूरे इलाके और दुनिया पर पड़ेगा।

शनिवार रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्र के नाम संबोधन से कुछ मिनट पहले एक बयान में गुटेरेस ने कहा कि यह हमला अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।

उन्होंने कहा कि वह आज ईरान के विरुद्ध संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए बल प्रयोग से बेहद फिक्रमंद हैं और चेतावनी दी कि इस बात का खतरा बढ़ रहा है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है, जिसके नागरिकों, क्षेत्र और विश्व के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस संकट की घड़ी में जरूरी है कि हम अराजकता और तबाही के इस सिलसिले को रोकें। इस हालात का कोई सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का रास्ता सिर्फ बातचीत और शांति है।

इससे पहले ट्रंप ने ट्रूथ पर हमले की जानकारी दी थी। ट्रंप ने कहा कि उनकी सेना ने ईरानी शासन के तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों: फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर बड़े पैमाने पर सटीक हमले किए।

इसके बाद उन्होंने अमेरिका को इसकी पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और दुनिया में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले नंबर एक देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना है।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और इजरायल ने एक टीम के रूप में काम किया है, जैसा कि शायद पहले किसी टीम ने नहीं किया।

उन्होंने चेतावनी दी, ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमने देखी उससे कहीं अधिक बड़ी होगी।

उन्होंने कहा कि ईरान में और भी कई ऐसे लक्ष्य हैं, जिन पर अमेरिका हमला कर सकता है।

बोले, लेकिन यदि शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे। उनमें से अधिकांश को कुछ ही मिनटों में नष्ट किया जा सकता है।

हालांकि इससे पहले सोशल पोस्ट में ट्रंप ने यह भी कहा था, अब शांति का समय है। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।

उन्होंने कहा, दुनिया में कोई भी सेना ऐसी नहीं है जो वह कर सके जो हमने आज रात किया। यहां तक कि करीब भी नहीं।

इजरायल ने 13 जून को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करना शुरू कर दिया था, और ईरान ने मिसाइलों और ड्रोन से जवाबी हमला किया, जिनमें से कुछ इजरायल की सुरक्षा को भेदने में सफल रहे।

ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेंगे कि हमला करना है या नहीं, लेकिन यह निर्णय दो दिन बाद आया।

ट्रंप ने कहा कि जिन तीन स्थलों पर हमला हुआ है उनमें से दो पर पहले भी इजरायल ने हमला किया था।

ट्रंप फोर्डो और नतांज की बात कर रहे थे। जिस तीसरी फैसिलिटी पर हमला किया गया, वह संवर्धित यूरेनियम का भंडारण था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *