कांवड़ यात्रा : एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन से हो रही रियल टाइम मॉनिटरिंग

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नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए सबसे हाईटेक एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था में भी इसी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।

कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां 24 घंटे रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था है। इतना ही नहीं कांवड़ यात्रा के रूट की जमीन स्तर पर सुरक्षा के लिए एटीएस, आरएएफ और क्यूआरटी जैसे विशेष बलों को तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने स्वयं इस यात्रा की तैयारियों की लगातार समीक्षा की है और निर्देश दिए थे कि सुरक्षा, चिकित्सा, स्वच्छता, जल व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में कोई कमी न रहे।

उन्होंने महाकुंभ में किए गए सुरक्षा प्रबंधों को मॉडल मानकर कांवड़ यात्रा मार्गों पर भी उसी प्रकार के इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। मुख्य कांवड़ मार्गों और प्रमुख स्थानों पर 29,454 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही 395 हाइटेक ड्रोन और विशेष रूप से एंटी ड्रोन के साथ टीथर्ड ड्रोन की मदद से रियल-टाइम वीडियो फीड लेकर डीजीपी मुख्यालय से सीधे मॉनिटरिंग की जा रही है। ये टीथर्ड ड्रोन लगातार एक स्थान पर स्थिर रहकर भीड़ की निगरानी में सक्षम हैं, जिससे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति की त्वरित जानकारी मिल सके।

कांवड़ यात्रा और शिव मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए डीजीपी मुख्यालय में मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां पर 24 घंटे रियल टाइम मॉनिटरिंग के जरिये पल-पल की नजर रखी जा रही है। इसके अलावा एक विशेष आठ सदस्यीय टीम 24 घंटे सोशल मीडिया पर नजर रखे हुए है। यह टीम सोशल मीडिया पर चलने वाली अफवाहों, भ्रामक सूचनाओं और संवेदनशील पोस्ट की रियल-टाइम मॉनीटरिंग कर रही है तथा संबंधित जिलों को अलर्ट भेजा जा रहा है। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक सामग्री हटवाने की कार्यवाही भी की जा रही है।

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए 587 राजपत्रित अधिकारी, 2,040 निरीक्षक, 13,520 उपनिरीक्षक और 39,965 आरक्षियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। इसके साथ ही 1,486 महिला उपनिरीक्षक और 8,541 महिला आरक्षी, 50 कंपनियां पीएसी, केंद्रीय बल और 1,424 होमगार्ड्स भी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा अंतरराज्यीय समन्वय के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसके जरिए रियल-टाइम सूचना आदान-प्रदान, मार्गों की स्थिति, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी जानकारियां साझा की जा रही है।

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