कैरेबियन सागर में अमेरिका का एक्शन, यूएनएचआरसी ने नौका पर हमले को बताया मानवाधिकार का उल्लंघन

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नई दिल्ली। अमेरिका इन दिनों नशीले पदार्थों के खिलाफ तटीय जल क्षेत्रों में लगातार कार्रवाई कर रहा है। कार्रवाई के दौरान बीते दिन अमेरिका ने प्रशांत महासागर में नौका को निशाना बनाया।

इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख द्वारा जारी एक बयान को दोहराया है। यूएनएचआरसी ने कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका से नौकाओं पर हवाई हमले रोकने का आग्रह किया है।

इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने एक बयान में कहा, अमेरिका को ऐसे हमलों को रोकना चाहिए और इन नौकाओं पर सवार लोगों की न्यायेतर हत्या को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, चाहे उन पर जो भी आपराधिक कृत्य का आरोप लगाया गया हो।

बयान में कहा गया, सितंबर की शुरुआत से कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्र में नौकाओं पर अमेरिकी सशस्त्र बलों द्वारा किए गए लगातार हमलों में 60 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, और ये हमले ऐसी परिस्थितियों में हुए हैं जिनका अंतरराष्ट्रीय कानून में कोई औचित्य नहीं है।

तुर्क के कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की एक नियमित ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त का बयान दोहराया, जिसमें कहा गया, ये हमले और उनकी बढ़ती मानवीय क्षति अस्वीकार्य है। अमेरिका को ऐसे हमलों को रोकना चाहिए और इन नौकाओं पर सवार लोगों की न्यायेतर हत्या को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा, तुर्क का मानना ​​है कि कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्र में नौकाओं पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करते हैं।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने डेली ब्रीफिंग में बताया कि महासचिव ने वोल्कर की बात दोहराई और कहा कि इन अभियानों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि संगठित अपराध से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ हिंसा और नशीली दवाओं की लत के मूल कारणों को दूर करने के लिए नवीन सार्वजनिक नीतियों की भी आवश्यकता है।

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