भोपाल। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आज गुरुवार 12 जून 2025 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल श्रम उन्मूलन के लिए एक प्रभावशाली पहल की गई। जिला प्रशासन, श्रम विभाग, राज्य स्तरीय टास्क फोर्स और बाल अधिकार संगठन CRY (चाइल्ड राइट्स एंड यू) के सहयोग से जागरूकता अभियान और जनसमर्थन हस्ताक्षर मुहिम की शुरुआत हुई।
– ADM और श्रम आयुक्त ने दिखाई हरी झंडी
जिला कलेक्ट्रेट परिसर से अभियान की शुरुआत भोपाल के अपर जिला दंडाधिकारी (ADM) प्रकाश नायक और अतिरिक्त श्रम आयुक्त जैस्मीन अली ने की। उन्होंने प्रचार रथ और जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, विभागीय अधिकारी और स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही।
– पुराने भोपाल की गलियों तक पहुंचा संदेश
अभियान का मुख्य फोकस पुराने भोपाल की उन बस्तियों और इलाकों पर रहा, जहां हाल के वर्षों में बाल श्रम की घटनाएं अधिक पाई गई हैं। रैली और प्रचार वाहन सेंट्रल बस स्टैंड, घनी बस्तियों, और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों से होते हुए भोपाल रेलवे स्टेशन तक पहुँचे।
– हस्ताक्षर अभियान को मिला जनसमर्थन
बाल श्रम के खिलाफ जनसमर्थन जुटाने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें आम नागरिकों ने “बाल श्रम मुक्त भारत” के पक्ष में हस्ताक्षर किए। लोग इस मुहिम से जुड़कर समाज को बाल श्रम के खिलाफ एकजुट करने का संकल्प ले रहे हैं।
गौरतलब है कि CRY और जिला प्रशासन की यह पहल केवल एक रैली नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना की लहर है। अभियान का संदेश साफ है – “हर बच्चे को बचपन मिले, शिक्षा का अधिकार मिले, और वह मजदूरी के बोझ से मुक्त हो।” इस अभूतपूर्व पहल ने यह साबित किया है कि जब सरकारी तंत्र, सामाजिक संगठन और आमजन साथ आएं, तो बाल श्रम जैसी गंभीर सामाजिक समस्याओं से निपटना संभव है। यह अभियान भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए एक उदाहरण बन कर उभरा है।


