इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला के साथ अमेरिका से भारत लौटने के बाद 28 लाख 30 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है।
पीड़िता ने पुलिस को तहरीर में बताया कि हाल ही में वह अपने बच्चों से मिलने के लिए अमेरिका गई थी और वापस लौटने के कुछ दिनों बाद एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपी बताते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में कुछ आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से महिला का नंबर पाया गया है, जिससे अब उनसे पूछताछ की जाएगी।
यह सुनकर महिला घबरा गई। कॉलर ने उसे मानसिक दबाव में डालते हुए कहा कि मामला बेहद गंभीर है और सुरक्षा कारणों से उसे तत्काल डिजिटल वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। इसके बाद आरोपी ने महिला को घंटों तक “डिजिटल हाउस अरेस्ट” में रखा। इस दौरान आरोपी ने महिला से उसके बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की और धीरे-धीरे उसके खातों से 28 लाख 30 हजार रुपए निकाल लिए।
पीड़िता ने बताया कि जब मैंने देखा कि मेरे बैंक खाते से बार-बार बड़ी रकम ट्रांसफर हो रही है, तो मुझे इस ठगी का अहसास हुआ। मैंने तुरंत अपने परिजनों से संपर्क किया, जो विदेश में रहते थे और उन्होंने मुझे पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी। इसके बाद मैंने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी।
इंदौर के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में महिला के पैसे जिन खातों में ट्रांसफर किए गए थे, उन्हें चिन्हित कर फ्रीज कर दिया गया है। साइबर सेल और पुलिस की संयुक्त टीम अब कॉल करने वाले ठगों की लोकेशन, इस्तेमाल किए गए नंबर और ई-वॉलेट की गहन जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह एक संगठित साइबर ठगी गैंग का काम है, जो सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डराता है। पूरे मामले की जांच चल रही है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध कॉल पर सतर्क रहें और अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें।

