भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की खजुराहो में हुई कैबिनेट की बैठक में बुंदेलखंड को बड़ी सौगातें मिली हैं। इस क्षेत्र को औद्योगिक विकास और रोजगार संपन्न बनाने, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, सड़कों के निर्माण सहित नौरादेही अभ्यारण्य में चीता के रहवास के लिए विकास कार्यों को स्वीकृति जैसे अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई। मंत्रिपरिषद द्वारा सागर में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नौरादेही को चीतों के तीसरे रहवास के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
बता दें कि सितंबर 2022 में कुनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में पहला और अप्रैल 2025 में गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में दूसरा चीता रहवास प्रारंभ किया गया है। मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुल 31 चीते हैं। कुनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में 28 और गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में दो चीतों का रहवास है। इसके अतिरिक्त जनवरी 2026 में बोत्सवाना से 8 चीतों का कुनो में पहुंचना संभावित है।
मंत्रिपरिषद ने बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से सागर के औद्योगिक क्षेत्र मसवासी ग्रांट के लिए एक विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी। स्वीकृति के अनुसार भूमि प्रब्याजी और वार्षिक भू-भाटक की दर केवल एक रुपया प्रति वर्गमीटर निर्धारित की है। इसके अतिरिक्त, विकास शुल्क चुकाने के लिए 20 समान वार्षिक किश्तों की सुविधा दी गई है और संधारण शुल्क आठ रुपए प्रति वर्गमीटर वार्षिक तय किया गया है।
निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टांप और पंजीयन शुल्क में 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पांच वर्षों तक विद्युत शुल्क में छूट दी गई है। मंत्रिपरिषद द्वारा सागर-दमोह मार्ग, लंबाई 76.680 किमी, 4-लेन मय पेव्हड शोल्डर के साथ हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के अंतर्गत उन्नयन एवं निर्माण के लिए परियोजना वित्तीय लागत 2,059 करोड़ 85 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई।
साथ ही, नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दमोह, छतरपुर और बुधनी के संचालन के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों की स्वीकृति दी गई है।

