नई दिल्ली। युवराज सिंह का नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। भारत को टी20 विश्व कप 2007 और वनडे विश्व कप 2011 में चैंपियन बनाने वाले युवराज को उनके जन्मदिन के ठीक एक दिन पहले पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने बड़ा सम्मान दिया है।
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने न्यू चंडीगढ़ के मुल्लांपुर में नव निर्मित महाराजा यादवेंद्र सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम युवराज सिंह के नाम पर करने की घोषणा की है। गुरुवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज का दूसरा टी20 मैच इसी मैदान पर खेला जाएगा। इस मैदान पर यह पहला पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच है। मैच की शुरुआत से पहले ही युवराज सिंह स्टैंड की घोषणा की जाएगी। भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े मैच विजेताओं में से एक युवराज पूरी तरह से इस सम्मान के हकदार हैं। युवराज सिंह के साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अपनी कप्तानी में पहला वनडे विश्व कप जीताने वाली कप्तान हरमनप्रीत कौर के नाम भी स्टेडियम में एक स्टैंड का अनावरण होगा। इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के मौजूद रहने की संभावना है।
युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था। युवराज के पिता, जोगराज सिंह, भी एक ऑलराउंडर रहे हैं और भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं। जोगराज सिंह चाहते थे कि उनका युवराज आगे चलकर भारत के लिए क्रिकेट खेले और बड़ा क्रिकेटर बने। इसके लिए उन्होंने खुद युवराज को कड़ा प्रशिक्षण दिया। जोगराज सिंह ने युवराज के लिए हर वो व्यवस्था की जो एक क्रिकेटर के प्रशिक्षण का जरूरी हिस्सा होती है।
युवराज ने अपने पिता के जुनून को अपना जुनून बनाया और किशोरावस्था से ही एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज और क्षेत्ररक्षक के रूप में उभरे। अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे युवराज ने 2000 में मात्र 19 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। उनका पहला मैच केन्या के खिलाफ था। उस मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था। उसी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें अपनी पहली पारी खेलने का मौका मिला। उस पारी में युवराज ने 80 गेंद पर 84 रन की पारी खेली और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ रहे। इस पारी के बाद युवराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
2000 से 2017 के बीच 40 टेस्ट में 3 शतक और 11 अर्धशतक की मदद से 1,900 रन और 9 विकेट, 304 वनडे में 14 शतक और 52 अर्धशतक की मदद से 8,701 रन और 111 विकेट, और 58 टी20 में 8 अर्धशतक की बदौलत 1,177 रन और 28 विकेट युवराज के नाम दर्ज हैं।
युवराज वनडे विश्व कप 2011 में 362 रन और 15 विकेट के साथ टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे थे। कैंसर से जूझते हुए वनडे विश्व कप 2011 में देश के लिए डटे रहना और टी20 विश्व कप 2007 में एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ विवाद के बाद स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ओवर में लगातार 6 छक्के लगाना युवराज के करियर की सबसे बड़ी हाईलाइट में से एक है।
10 जून 2019 को क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद युवराज सामाजिक और व्यावसायिक गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं। टी20 विश्व कप 2024 के लिए आईसीसी ने उन्हें आइकॉन खिलाड़ी बनाया था।

