हाथी हमले पर एक्शन में पवन कल्याण, अधिकारियों को रास्ते की निगरानी का दिया आदेश

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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में एक और किसान की हाथी के हमले में मौत के बाद उपमुख्यमंत्री-अभिनेता पवन कल्याण ने अधिकारियों को जंगली हाथियों के रास्तों की नियमित निगरानी करने और किसानों को पहले से सूचित करने का निर्देश दिया।

चित्तूर जिले के कोथुरु गांव में किसान रामकृष्ण राजू की हाथियों के झुंड द्वारा कुचलकर मौत हो गई। इस घटना की जानकारी मिलने पर पवन कल्याण, जो राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री भी हैं, ने दुख जाहिर किया और तुरंत वन विभाग के अधिकारियों से विवरण मांगा।

उन्होंने निर्देश दिए कि हाथियों का झुंड जहां से गुजरता है उन रास्तों पर नजर रखी जाए और प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को पहले से चेतावनी दी जाए। उन्होंने वन विभाग और जिला प्रशासन को आदेश दिया कि पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजा प्रदान किया जाए।

45 वर्षीय रामकृष्ण अपने खेत पर गए थे, लेकिन देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश की। बाद में उन्हें खेत में मृत पाया गया। पिछले एक महीने में चित्तूर में यह दूसरी ऐसी घटना है। पिछले महीने नागमवंडलापल्ली गांव में 60 वर्षीय एक किसान की जंगली हाथी ने जान ले ली थी।

पिछले तीन महीनों से इस क्षेत्र में करीब 15 हाथियों का झुंड सक्रिय है, जो खेतों को नुकसान पहुंचा रहा है। वन विभाग के प्रयासों के बावजूद, जंगली हाथी मानव जीवन और फसलों के लिए खतरा बने हुए हैं। चित्तूर जिले में हाथियों के हमले बढ़ने से चिंता बढ़ गई है।

अधिकारियों के अनुसार, साल 2011 से अब तक इस क्षेत्र में लगभग 25 लोगों की जान हाथियों के हमले में गई है।

सरकार ने हाल ही में पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है।

साल 2015 से 2024 के बीच हाथियों ने 203 एकड़ से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचाया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दो प्रशिक्षित कुमकी हाथियों और कर्नाटक से हाल ही में लाए गए अतिरिक्त हाथियों के बावजूद, वन विभाग इनका प्रभावी उपयोग नहीं कर पा रहा है।

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