इंदौर में अपराधियों की जमानत निरस्त कराने पर पुलिस का जोर

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इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के मकसद से पुलिस की यही कोशिश है कि जेल में बंद आरोपियों को जमानत न मिले। इसी क्रम में लसूड़िया थाना क्षेत्र के 13 आरोपियों की जमानत निरस्त कराई गई और उनमें से छह को वापस जेल भेजा गया।

इंदौर में पुलिस लगातार एक तरफ जहां रात के समय शराब पीकर वाहन चलाने वाले और आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वालों पर लगाम कसने में लगी है, तो दूसरी तरफ उसने अपराधियों को जेल की सींखचों के पीछे ही रखने के इंतजाम करने की कोशिश तेज की है।

इसी कड़ी में इंदौर के बाणगंगा पुलिस ने एक साथ 13 आरोपियों की जमानत निरस्त करवा कर उनमें से छह बदमाशों को वापस जेल भेज दिया है। ये वे आरोपी हैं जो लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। उसी के चलते पुलिस ने इस तरह का कदम उठाया है।

वहीं, अन्य पांच को भी जेल भेजने की पुलिस तैयारी कर रही है। एडीशनल डीसीपी राजेश दंडौतिया ने बताया है कि वे अपराधी जो जेल जाते है और वापस आने पर बार-बार अपराधों को अंजाम देते है, उनकी जमानत निरस्त कराई जा रही है। डीसीपी अजय चौधरी के द्वारा कुल 24 प्रकरण चिन्हित किए गए थे। इनकी जमानत निरस्त कराने की प्रक्रिया की गई। इसके लिए न्यायालय में आवेदन भी किया गया। उनमें से 13 प्रकरण का निराकरण हो गया है और उनकी जमानत निरस्त हो गई है। इनमें से छह आरोपियों को जेल भी भेज दिया गया है।

उन्होंने आगे बताया है कि वहीं जमानत निरस्तीकरण के 11 प्रकरण न्यायालय में सुनवाई हेतु नियत है। इन मामलों में भी जमानत निरस्त कराने के प्रयास पुलिस की ओर से किए जाएंगे। ये वे अपराधी हैं जो जेल से बार-बार छूटकर आने पर अपराधों को अंजाम देते हैं। बताया गया है कि जिस तरह से बाणगंगा पुलिस ने एक साथ 13 बदमाशों की जमानत निरस्त करवाई है, उसी तरह की कार्रवाई अन्य थाना क्षेत्र में भी बदमाशों को चिन्हित कर पुलिस के द्वारा उनकी जमानत निरस्त करवा कर उन्हें जेल भेज सकती है। इंदौर पुलिस कमिश्नर के द्वारा प्रत्येक थाना प्रभारी को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने थाना क्षेत्र के बदमाशों की सूची तैयार करें, उनकी गतिविधियों पर नजर रखें।

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