नाजिया इलाही खान ने महागठबंधन पर किया पलटवार, शादियों के समय दुकानों में ‘लूट’ की बात याद दिलाई

Nazia

नई दिल्ली। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नाजिया इलाही खान ने सोमवार को इंडिया गठबंधन पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करके सस्ती लोकप्रियता हासिल हो रही है, तो वो कर सकते हैं। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार के लोग महागठबंधन के उस शासनकाल को कभी नहीं भुला सकते, जब कानून व्यवस्था को ताक पर रखा जाता था और लोगों के हितों के साथ कुठाराघात किया जाता था। नाजिया ने याद दिलाया कि उन दिनों शादियों के दिनों में जबरन दुकानों में घुसकर सामान उठा लिया जाता था, लेकिन मजबूर दुकानदार कुछ नहीं कर पाते थे।

उन्होंने कहा कि निसंदेह इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आज चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन के पास जनता के बीच में अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए ये लोग प्रदेश के लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहे हैं।

मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि ऐसा करने से महागठबंधन को कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। प्रदेश की जनता इनकी हकीकत से वाकिफ है।

भाजपा नेता नाजिया इलाही खान ने कहा कि अगर बिहार के चुनावी मौसम के बीच एनडीए की बात करें, तो उनके पास दिखाने के लिए बहुत कुछ है। हमारी उपलब्धियों का अपार भंडार है।

हम लोगों के बीच में जाकर उन्हें बता पा रहे हैं कि इतने वर्षों में हमने उनके लिए क्या किया, लेकिन आज की तारीख में महागठबंधन के पास दिखाने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है। खैर, इन्हीं सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मैं एक बात साफ तौर पर कह सकती हूं कि प्रदेश में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है।

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार ने देखा कि किस तरह से राहुल गांधी ने छठ पूजा का अपमान किया। प्रदेश की जनता इस बात को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है। बिहार के लोग राहुल गांधी को इसका माकूल जवाब देने वाले हैं।

नाजिया इलाही खान ने कहा कि तेजस्वी यादव को सुशासन पर कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह बात किसी से छुपी नहीं है कि किस तरह से उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान गुंडों और बदमाशों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। तेजस्वी यादव बार-बार यह दावा करते हैं कि महागठबंधन ने पसमांदा मुस्लिम और गरीब हिंदुओं के लिए हितकारी कदम उठाए हैं, लेकिन यह सब झूठ है, ऐसा कुछ भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि एनडीए के शासनकाल में बिहार की सूरत बदली है। आज की तारीख में चौतरफा विकास की बयार बहती हुई नजर आती है। एनडीए की सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति विकास से अछूता न रहे।

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बिहार में हर जगह आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर देखने को मिल जाते हैं, लेकिन महागठबंधन के शासनकाल में ऐसा नहीं था। तब प्रदेश में त्राहि-त्राहि की स्थिति बनी हुई थी। तब प्रदेश में डॉक्टर और इंजीनियर को उठा लिया जाता था। मुझे लगता है कि अब समय आ चुका है कि महागठबंधन को अपनी गलतियों को स्वीकार कर लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों ने साफ देखा है कि किस तरह से बिहार में महागठबंधन के शासनकाल में गरीब लोगों को गुंडई के रास्ते पर धकेला गया। उनकी गरीबी का फायदा उठाया गया, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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