ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने गाजा में इजरायल के हमलों पर चिंता जताई

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नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए)के 80वें सत्र से इतर ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को बैठक की। बैठक में यूएन के एजेंडे में शामिल राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और सतत विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। ब्रिक्स देशों ने इन मुद्दों पर सहायता और भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही इजरायल हमलों की निंदा करते हुए तत्काल और स्थायी युद्धविराम का आह्वान किया।

विदेश मंत्रियों ने बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीयता और अंतर्राष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने विकासशील देशों के साथ-साथ उभरते बाजारों और कम विकसित देशों की वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में भागीदारी, सही तालमेल बिठाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस दौरान समानता के सिद्धांत के तहत मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने, सुरक्षा और सहयोग करने पर जोर दिया गया। ब्रिक्स मंत्रियों ने बैठक में मानवीय संकटों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं के कम होने और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघनों की कड़ी निंदा की गई। बैठक में ब्रिक्स देशों के नेताओं ने महिलाओं के अधिकार और नेतृत्व को आगे बढ़ाने के साथ शांति और सुरक्षा एजेंडे के पूर्ण कार्यान्वयन और प्रगति पर जोर दिया।

साथ ही 2022 से लेकर 2025 तक इंडोनेशिया, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे विकासशील देशों को जी20 की अध्यक्षता मिलने की सराहना की गई।

इसके अलावा 2023 में भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को शामिल करने और ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के दौरान एनडीबी को आमंत्रण के माध्यम से जी20 में ईएमडीसी की आवाज मजबूत करने की सराहना की।

बैठक के दौरान इजरायल की ओर से किए जा रहे हमलों की निंदा की गई। विदेश मंत्रियों ने कतर पर इजराइल के हमले की निंदा की। उनका कहना है कि यह कतर की संप्रभुता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ये हमले क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने कतर पर इजराइल द्वारा किए गए सशस्त्र हमले पर हाल ही में मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में 16 सितंबर 2025 को हुई बहस का भी जिक्र किया। उन्होंने एक बार फिर कानून के शासन, मानवाधिकारों, शांति और सुरक्षा को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।

मंत्रियों ने फिलिस्तीन के गाजा में इजरायल के हमलों पर चिंता जाहिर की। इजरायल के हमले क्षेत्र की नागरिक आबादी के लिए अभूतपूर्व पीड़ा का कारण बन रहे हैं। मंत्रियों ने फिलिस्तीनी लोगों को उनके कब्जे वाले क्षेत्र से विस्थापित करने के सभी प्रयासों की निंदा की। साथ ही तत्काल और स्थायी युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया।

विदेश मंत्रियों ने परमाणु खतरे और संघर्ष के बढ़ते जोखिमों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने निरस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और अप्रसार प्रणाली को सशक्त बनाने तथा वैश्विक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा प्राप्त करने के लिए इसकी अखंडता और प्रभावशीलता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करने के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता और भारत में 18वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत को अपना पूर्ण समर्थन दिया।

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