धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय ‘महाकाल नगरी’ से होगा संचालित : सीएम मोहन यादव

Mahakal

उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को घोषणा किया कि धार्मिक न्यास एवं धार्मिक विभाग का मुख्यालय महाकाल नगरी उज्जैन से संचालित होगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय के शुभारंभ के अवसर पर लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उज्जैन नगरी की बड़ी विशेषता है। हर काल में अलग-अलग नाम से विख्यात रही है। जिस युग में जैसा अनुभव आता हो, इसकी मान्यता उसके अनुरूप हो जाती है। इसलिए उज्जैन के अनेक नाम हैं। एक नाम अवंतिका भी है, ‘जिसका कभी अंत नहीं हुआ’ होता है। एक नाम अमरावती जिसका अमरता से संबद्ध है। एक नाम पद्मावती है यानी भगवान विष्णु की प्रिय नगरी। कनकवती, कुसुमवती, कनक श्रंगा अलग-अलग नाम से यह जानी गई। जब यहां स्वर्ण शिखर रहे होंगे तब इसे कनक श्रंगा कहा जाता था। अब इसका नाम उज्जयिनी है यानी उत्कृष्ट नगरी। यहां जो जितनी साधना करता है, उससे कई गुना ज्यादा देने वाली नगरी है उज्जयिनी।

उन्होंने बताया कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पहली बार उज्जैन में कैबिनेट की बैठक हुई थी। पीएम मोदी यहां पधारे और महाकाल लोक का लोकार्पण हुआ। जब भोपाल राजधानी बनी तो हर नगर को मान मिला। उज्जैन को विक्रम विश्वविद्यालय मिला। इंदौर को हाईकोर्ट, ग्वालियर को राजस्व का कार्यालय मिला और जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्य ब्रांच मिली।

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कमिश्नरी का नया कार्यालय उज्जैन से संचालित होगा। बाबा महाकाल सहित सभी देव स्थानों के लिए धनराशि की मंजूरी इसी विभाग से होती है। मंदिरों के निर्माण के लिए भी 26 करोड़ रुपए का बजट भी इसी विभाग की कमिश्नरी के माध्यम से होगा। अब वायु सेवा को भी जोड़ दिया गया है। प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन जैसे स्थानों पर हवाई यात्रा भी चालू की है। यह कमिश्नरी एक बड़ा रोल निभाएगी।

उन्होंने बताया कि सलकनपुर, दतिया, ओरछा सहित देव स्थानों का विकास किया जायेगा। प्रदेश में अलग-अलग देव स्थलों पर 13 लोक बनाए जा रहे हैं। मंदिर से जुडी सभी व्यवस्थाओं के लिए यह कार्यालय बेहतर प्रबंधन करेगा। संचालनालय खुलने के साथ दो निर्णय लिए गए हैं। एक निर्णय भगवान श्रीराम के चरण चिन्ह पड़े हैं, वहां पर तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण की जहां-जहां लीलाएं हुई हैं, वहां भी देव स्थान की तरह विकसित किया जाएगा और वे पर्यटन का केंद्र बनेंगे। यही संचालनालय अपनी भूमिका निभाएगा। इसके लिए 500 करोड़ की राशि बजट में रखी हैं।

उन्होंने कहा कि सिंहस्थ केवल उज्जैन का नहीं, इंदौर के धार्मिक केंद्रों को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका अदा करेगा। मंदिरों के सभी पुजारियों के मानदेय की व्यवस्था भी की गई है। महाकाल नगरी में दो नए थानों की घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि बाबा महाकाल लोक परिसर में एक थाना होगा। साथ ही इंदौर रोड पर अनेक कॉलोनियां बन जाने से दूसरा थाना इंदौर रोड पर होगा। सभी पदों के साथ इसी वर्ष से इन दोनों थानों का शुभारंभ होगा।

मुख्यमंत्री ने होमगार्ड सैनिक बढ़ाने की मांग को देखते हुए 400 नए होमगार्ड सैनिकों की स्वीकृति की घोषणा की। जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने में मजबूती मिलेगी।

सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय का लोकार्पण होना बहुत बड़ा कार्य है। अब यहीं से पूरे प्रदेश के मंदिरों और धार्मिक न्यास सहित अन्य धार्मिक निर्माण कार्यों का संचालन होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशा के अनुरूप धार्मिक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अगले सिंहस्थ का अद्वितीय आयोजन होगा। उनके द्वारा दी जाने वाली सौगात के लिए हम आभार मानते हैं।

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय के संचालक संजय गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में विभाग के संचालनालय का शुभारंभ हो गया है। अब यहीं से पूरे प्रदेश के धार्मिक न्यास व मंदिरों के निर्माण का संचालन होगा। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेश नाथ, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीष मालवीय, उज्जैन नगर निगम की सभापति कलावती यादव, कलेक्टर नीरज सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए।

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