भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार श्रीअन्न के उत्पादन को प्रोत्साहित करने जा रही है। इसके लिए वह राज्य के किसानों के श्रीअन्न (मिलेट्स) की खरीदी करेगी। यह बात मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, मक्का जैसे श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाया जाए और किसानों को श्रीअन्न उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। किसानों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न अब सरकार खरीदेगी। इसके साथ ही तुअर उत्पादक किसानों को अच्छे किस्म के खाद, बीज और उत्पादन वृद्धि के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को फसल अनुदान देने और उनकी फसल का बीमा कराने जैसे नवाचार भी किए जा सकते हैं।
मोहन यादव ने प्रदेश की सभी मंडियों में प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी मंडियों का विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों से आकस्मिक निरीक्षण कराया जाए। मंडियों की व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाया जाए। नई जरूरतों के मुताबिक, अब अलग-अलग मंडियों की स्थापना पर विचार किया जाना चाहिए। मंडियों का फसलवार मॉडल तैयार करें। कृषि उपज मंडी के अलावा अब फल व सब्जी मंडी, मसाला मंडी या अन्य विशेष पैदावार की मंडी स्थापना के लिए भी प्रयास किए जाएं। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जाए और यदि आवश्यकता हो तो इसमें प्राइवेट सेक्टर को भी सम्मिलित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों को आदर्श बनाया जाए। मंडियों में कृषि आधारित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। मंडियों में किसानों को फसल बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मंडी में अपनी फसल बेचने आने वाले हर किसान को उसकी उपज का सही दाम मिले, किसी का भी नुकसान न होने पाए। मंडियों को और अधिक आधुनिक बनाया जाए, यहां किसानों को उनके उपज में गुणवत्ता संवर्धन के बारे में भी बताया जाए।
बैठक में बताया गया कि राज्य शासन की प्रगतिशीलता से प्रदेश में उत्पादित होने वाली तीन फसलों को बहुत जल्द जीआई-टैग मिल जाएगा।
मध्य प्रदेश के कृषि सचिव ने बताया कि डिंडोरी जिले की नागदमन मकुटकी, सिताही कुटकी और बैंगनी अरहर की फसल को जीआई टैग परीक्षण के लिए भेजा गया है, उम्मीद है कि जल्द ही इन फसलों को जीआई टैग प्राप्त होगा।