नई दिल्ली। भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम ने शुक्रवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है। शनमुगरत्नम ने 70.4 प्रतिशत वोट के साथ देश के राष्ट्रपति पद की दौड़ में जीत हासिल की है। नौवें राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुए।
इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा था।2.7 मिलियन से अधिक सिंगापुर के लोगों ने 66 वर्षीय नेता शनमुगरत्नम को चुनने के लिए मतदान किया था। उन्होंने देश की संस्कृति को विकसित करके इसे दुनिया में चमकदार स्थान बनाए रखने की प्रतिज्ञा के साथ औपचारिक रूप से अपना राष्ट्रपति अभियान शुरू किया था।
चुनाव आयोग ने बताया कि रात 10.40 बजे तक थर्मन 70 प्रतिशत वोटों के साथ आगे चल रहे थे, जबकि प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार एनजी कोक सोंग 16 प्रतिशत और टैन किन लियान 14 प्रतिशत वोटों से पीछे चल रहे थे। हालांकि, शनमुगरत्नम ने सिंगापुर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है।
इसके बाद थर्मन ने मीडिया को संबोधित करते हुए सिंगापुरवासियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मेरे लिए वोट और मैं जिसके लिए खड़ा हूं वह सिंगापुर में विश्वास का वोट है। यह आशावाद का वोट है कि हम एक साथ प्रगति कर सकते हैं।
1991 में निर्वाचित राष्ट्रपति पद की शुरुआत के बाद से यह तीसरी बार था कि सिंगापुरवासियों ने अपने राष्ट्रपति के लिए मतदान किया। इस तरह का पहला चुनाव 1993 में लड़ा गया था, उसके बाद 2011 में दूसरा चुनाव लड़ा गया था।
चुनाव विभाग सिंगापुर (ईएलडी) के अनुसार, दोपहर तक करीब 1,406,182 सिंगापुरवासी शहर-राज्य के 1,264 मतदान केंद्रों पर वोट डालने आए। सुबह-सुबह मतदान केंद्रों पर पहुंचने वालों में निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा और प्रधानमंत्री ली सीन लूंग भी शामिल थे।
भारतीय मूल के सिंगापुर में जन्मे अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम साल 2001 में राजनीति में आए थे। दो दशक से अधिक समय तक उन्होंने सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ कार्य किया। इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र और मंत्री पदों पर कार्य किया।
निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त होगा।