भोपाल: सार्थक ऐप से अटेंडेंस के विरोध में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने क्षेत्रीय संचालक को सौंपा ज्ञापन

Sarthak

भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में न्यू बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (मध्य प्रदेश) ने सार्थक ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की शासन की अनिवार्यता का विरोध किया। साथ ही, क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाओं को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।

कर्मचारियों का कहना है कि उनकी सेवाएं फील्ड वर्क और अनिवार्य सेवाओं पर आधारित हैं, जिसके चलते जीपीएस आधारित सार्थक ऐप से अटेंडेंस लगाना उनके लिए संभव नहीं है, क्योंकि सार्थक ऐप से अटेंडेंस न लगाने वाले कर्मचारियों का अक्टूबर माह का वेतन अभी तक जारी नहीं किया गया है।

संघ के सदस्यों ने लंबित वेतन जारी करने की मांग की और साथ ही यह लिखित आश्वासन दिया है कि वे 1 जनवरी से सार्थक ऐप का उपयोग शुरू कर देंगे, और यदि इसके बाद भी वे ऐप से उपस्थिति दर्ज नहीं करते हैं तो उनकी सैलरी रोक दी जाए।

संघ के सदस्यों ने क्षेत्रीय संचालक को बताया कि उनकी सेवाएं अनिवार्य सेवाओं के अंतर्गत आती हैं, जिनके लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं होता है। यदि शासन 9 बजे से 5 बजे तक का समय निर्धारित करता है तो वे बाकी समय में अनिवार्य सेवाएं नहीं दे पाएंगे। उनका तर्क है कि फील्ड कर्मचारियों को अलग-अलग स्थानों पर जाना पड़ता है, जिससे एक ही जगह से उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल है।

बता दें कि शासन को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके कारण इस जीपीएस-संचालित सार्थक ऐप को शुरू किया गया था।

क्षेत्रीय संचालक ने संघ का ज्ञापन स्वीकार करते हुए कहा कि शासन के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है और वे ऐप का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि हम आप लोगों की बात मानते हैं, इसके लिए कुछ उपाय निकाला जाएगा, लेकिन शासन के आदेश को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

कर्मचारी संघ ने अपनी बात को मध्य प्रदेश शासन तक पहुंचाने के लिए दो महीने का समय मांगा है। उन्होंने कहा है कि वे शासन से आने वाले निर्णय के बाद ही आगे की गतिविधि तय करेंगे।

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