सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग के प्रस्तावों को लागू करने का ‘अंतिम मौका’ दिया

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) के प्रस्तावों को लागू करने का “अंतिम मौका” दिया।प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कई राज्य और केंद्रशासित प्रदेश जिला न्यायपालिकाओं से आने वाले न्यायिक अधिकारियों के लिए संशोधित वेतनमान और सेवानिवृत्ति लाभों को लागू करने में विफल रहे हैं।

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन लिस्टिंग की अगली तारीख तक किया जाना चाहिए, अन्यथा सभी डिफ़ॉल्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से 8 दिसंबर को अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय ने सेवा शर्तों की समीक्षा के लिए अखिल भारतीय न्यायिक आयोग के गठन के लिए अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग के प्रस्तावों को 1 जनवरी, 2016 से लागू करने का आदेश दिया था।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि हालांकि कुछ राज्यों में सरकारी अधिकारियों का भुगतान पांच साल के भीतर और केंद्र सरकार में हर 10 साल में एक बार बढ़ाया जाता है, लेकिन न्यायिक अधिकारी राज्यों और केंद्र द्वारा गठित वेतन आयोगों के दायरे में नहीं आते हैं।

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