प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश को दीं कई सौगातें, पढ़िए रिपोर्ट…

modi

भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए आज का दिन सौगातो वाला रहा, आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7500 हजार करोड़ से अधिक की सौगातें सराज्य की झोली में डाली। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछले दस वर्षों में जनजातीय उत्थान, गौरव और सम्मान के लिए समर्पित रही है। मध्यप्रदेश देश के सामने सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है कि डबल इंजन की सरकार कैसे काम करती है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि झाबुआ यात्रा लोक सेवक के रूप में प्रदेश की जनता का आभार प्रकट करने के उद्देश्य से है, जिसने विधानसभा में विकास के प्रति जो प्रतिबद्धता जताई। उन्‍होंने विश्‍वास व्यक्त किया कि प्रदेशवासियों की विकास के प्रति प्रतिबद्धता निरंतर दृढ़ रहेगी। केंद्र सरकार जनता के विश्‍वास पर खरा उतरने के लिए कृत संकल्पित है।

मोदी ने कहा कि झाबुआ, खरगोन, अलीराजपुर, धार, बड़वानी सहित मध्यप्रदेश के लिए करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण, गांवों की बेहतरी के लिए आदर्श गांव योजना में जारी राशि, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़ी रेल परियोजनाएं, रतलाम और मेघनगर रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और जनजातीय समाज की दो लाख बहन बेटियों के खातों में जारी 1500-1500 रुपए देने जैसे विकास के काम बताते हैं कि मध्यप्रदेश में डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से काम कर रही है। विकास के इस महाभियान का श्रेय जनता को जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने टंट्या मामा के नाम पर क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्‍वविद्यालय की घोषणा की। उन्‍होंने बाबा डूंगर देव की जय के उद्घोष के साथ बड़ी संख्या में पधारे जनजातीय समाज को नमन करते हुए कहा कि झाबुआ जितना मध्य प्रदेश से जुड़ा है, उतना ही गुजरात से जुड़ा है। झाबुआ के लोगों के दिल भी गुजरात से जुड़ा है। उन्‍होंने जनजीवन की संस्कृति का उल्लेख करते हुए भगोरिया उत्सव शुभकामनाएं दीं।

मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वन उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में रिकॉर्ड वृद्धि की। एमएसपी के दायरे में आने वाली वन उपज को 10 से बढ़ाकर 90 तक पहुंचा दिया। देश में वन धन केंद्र खोले ताकि जनजातीय उत्पादों को नए हाट व नए बाजार मिल सकें। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टंट्या मामा के बलिदान को याद कर आज बलिदान दिवस मनाया जाता है और उन्हीं के नाम पर क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्‍वविद्यालय की घोषणा की जा रही है। जनजातीय समाज हजारों सालों से वन संपदा से अपनी रोजी-रोटी चला रहा है। पिछली सरकार ने जनजातीय लोगों के अधिकार पर कानूनी पहरे लगा दिए थे। वन संपदा कानून में बदलाव कर केन्द्र सरकार ने जनजातीय समाज को वन भूमि से जुड़े अधिकार लौटाए हैं। उन्होने कहा कि जनजातीय परिवारों में सिकल सेल एनीमिया हर वर्ष कई लोगों की जान ले रहा था।

उन्‍होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए अभियान शुरू किया। सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि जनजातीय समाज अब विकास की दौड़ में लगातार आगे बढ़ रहा है। स्वामित्व योजना के माध्यम से 1 लाख 75 हजार लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र दिए गए हैं। यह केवल अधिकार पत्र नहीं, बथ्‍लक आपकी जिंदगी में सुरक्षा पत्र भी हैं। यह सुरक्षा की गारंटी का पत्र है। परिवारों को भूमि विवादों और सूदखोरों से सुरक्षा मिलेगी। यह योजना गांव-गरीब को कई मुसीबतों से बचाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *